मेरे मैं की संज्ञा...
"...इतने चेहरों को पारदर्शी कर न जाने कितने राजों को पीछे छुपाया ..."ये तो दुनिया की रीत है... नहीं?
"...इतने चेहरों को पारदर्शी कर न जाने कितने राजों को पीछे छुपाया ..."
ReplyDeleteये तो दुनिया की रीत है... नहीं?